ज़ाकिर खान के 20 मशहूर शेर
जाकिर खान के मशहूर 20 शेर में आपका स्वागत है। सहरसा शायरी आपको आज प्रोवाइड करने जा रहा है ज़ाकिर खान के मशहूर शायरी। आशा करता हूं आपको ये शायरी खूब पसंद आएगी।
“मेरी जमीन…. तुमसे गहरी रही है
वक़्त आने दो आसमान भी तुमसे ऊंचा रहेगा”
“लूट रहे थे खजाने मां बाप की छाव मे
हम कुड़ियों के खातिर घर छोड़ के आ गए”
“कामयाबी तेरे लिए हमने खुद को कुछ यूं तैयार कर
लिया
मैंने हर जज़्बात बाजार में रख कर एश्तेहार कर लिया”
“यूं तो भूले हैं हमने लोग कई पहले भी बहुत से
पर तुम जितना कोई उन्मे सें कभी याद नहीं आया”
“इंतकाम सारे पूरे किए पर इश्क अधूरा रहने दिया
बता देना सबको की में मतलबी बड़ा था,
हर बड़े मुकाम पे तन्हा ही मैं खड़ा था”
“मेरे घर से दफ्तर के रास्ते में
तुम्हारी नाम की एक दुकान पढ़ती हैं
विडंबना देखो
वहां दवाइयां मिला करती है”
“इश्क़ को मासूम रहने दो नोटबुक के आख़री पन्ने
पर
आप उसे किताबों म डाल कर मुस्किल ना कीजिए”
“मेरी औकात मेरे सपनों से इतनी बार हारी हैं के
अब उसने बीच में बोलना ही बंद कर दिया है”
“ज़मीन पर आ गिरे जब आसमां से ख़्वाब मेरे
ज़मीन ने पूछा क्या बनने की कोशिश कर रहे थे”
“हर एक दस्तूर से बेवफाई मैंने शिद्दत से हैं
निभाई
रास्ते भी खुद हैं ढूंढे और मंजिल भी खुद बनाई”
“मेरी अपनी और उसकी आरज़ू में फर्क ये था
मुझे बस वो,
और उसे सारा जमाना चाहिए था”
“मेरे
इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शोहरत
तेरा ज़िक्र ही कहां था ….. मेरी दास्तान से पहले”
“गर यकीन ना हों तो बिछड़ कर देख लो
तुम मिलोगे सबसे मगर हमारी ही तलाश में”
“इश्क़ किया था
हक से किया था…..
सिंगल भी रहेंगे तो हक से”
“जिंदगी से कुछ ज्यादा नहीं
बस इतनी सी फर्माइश है…
अब तस्वीर से नहीं
तफसील से मिलने की ख्वाइश है”
“ये तो परिंदों की मासूमियत है
वरना दूसरों के घर अब आता जाता कौन हैं”
“तुम भी कमाल करते हों
उम्मीदें इंसान से लगा कर….
शिकवे भगवान से करते हो”
“बड़ी कश्मकश में है ये जिंदगी की
तेरा मिलना मिलना इश्क़ था या फरेब”
“दिलों की बात करता है ज़माना
पर आज भी मोहब्बत….
चेहरे से ही शुरू होती हैं”
“बे वजह बेवफाओं को याद किया है
ग़लत लोगों पे बहुत वक़्त बर्बाद किया है”
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